भारतीय गणतन्त्र -- बदलता हुआ एक नया स्वरूप:
भारतीय गणतन्त्र -- बदलता हुआ एक नया स्वरूप: _______________________________________ हमारा भारतीय गणतन्त्र गत कुछ वर्षों में अपने मूल स्वरूप को बदल कर, आकाश में रफाल जैसे तीव्र गतिज-वायुयान के वेग से भी अधिक अबाध गति से उड़ने लगा है, २०१४ से बागडोर नये चालक के हाथ जो है -- चालक से मेरा तात्पर्य संघ के सर-संचालक से नहीं है। देश में बहुचर्चित प्रदेशों में उदाहरणतः उत्तर प्रदेश में बहती सुर सरिता में नाविक बनकर तैरने लगा है -- नाविक अर्थात् कोविड १९ में नदियों में तैरती लाशों के विषय में आप कल्पना कर सकतें हैं, लेकिन मैंने तो ⛵ नाविक ही समझा जिसने तैरना सीख लिया और डूबा नहीं -- तो नाविक की संज्ञा ही तो सर्वोचित है। गुजरात में लोकतन्त्र चारदीवारी में अपने ही घरों सिमटकर बैठा है -- अन्यथा न लें सुरक्षा की दृष्टि से यह उचित था जब अमेरिका का राष्ट्रपति आता है तो उसकी सुरक्षा पक्की दीवार बनाकर कर दी गई। नए गणतन्त्र के नये नायक २०१४ के उपरान्त से ही एक स्थान पर तो टिकता ही नहीं है, जब कभी प्रतिकूल दृश्यावलोकन करके उदास हो जाता है, तो करोंड़ों के रथ को सजाकर एक-आधी-घटी भर, अभिराम-सेतु जैसे क...